Thursday, June 28, 2012

आज कुछ ख़ास हे

आज हर चीज़ में कुछ ख़ास बात हे
आज हर बात में जान की बरसात हे
आज में किसी तलाश में हु
आज में किसीकी तलाश में हु

एक आशा हे, विश्वास हे
आज में काफी व्यस्त हु
करने को काम हज़ार हे
मन ख़ुशी से बेजार हे

लिखे हुए शब्द जो आखें तो पढ़ लेती थी, 
पर मन समज नहीं पता था
आज समज और नासमज के भीतर हे
हर चीज़ कुछ कहानी बता रही हे
हर गीत अपना मतलब गा रहा हे

आज कुछ अलग हे
जो मेरे पास हे, या जो हे मेरे भीतर
जो मेरी समज या नासमज के नजदीक 
या जो हे परे

सब मेरा हे
हर सास, एक एहसास हे
आज कुछ ख़ास हे

~

(काम जारी हें , असुविधा के लिए खेद हें)
॥ विश्वामित्र ॥ 

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